सफरनामा

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Kanpur, Uttar Pradesh , India
मुझे पता है गांव कभी शहर नहीं हो सकता और शहर कभी गांव। गांव को शहर बनाने के लिए लोगों को गांव की हत्या करनी पड़ेगी और शहर को गांव बनाने के लिए शहर को इंसानों की हत्या। मुझे अक्सर लगता है मैं बचपन में गांव को मारकर शहर में बसा था। और शहर मुझे मारे इससे पहले मैं भोर की पहली ट्रेन पकड़ बूढ़ा हुआ गांव में वापिस बस जाउंगा।

Sunday, April 7, 2019

आज मैंने खुद को एक अलग से सोच में पाया है। आज मुझे मेरा आत्मबल कमजोर होता हुआ प्रतित हुआ। एक समय के लिए मानों मेरा दिल मुझसे यह कहकर अड़ गया कि ना तुम किसी की यादों में शामिल होगे और ना हीं खुद की यादों में किसी को शामिल करोगे। बहुत गुस्से में था मेरा दिल क्योंकि इसने अब तक बहुत चोटें खाईं हैं और हर बार मेरा दिमाग इसे मनाने में सफल रहा है। पर आज सच कहूँ तो दिल के साथ दिमाग भी रोने पर मजबूर हो गया। क्योंकि दिल ने अपने भीतर के गहराई के सारी सीमा को पार कर लिया और जब मेरी आँखें भर आईं तो दिमाग ने इसे समझाने की कोशिश भी नहीं की। जब दिल,दिमाग और आँखें तीनों एक दूसरे को समझाने में नाकामयाब रहीं तो मुझे मेरे दूसरे दिल मेरे मित्र के दिल ने मेरे दिमाग को समझाया और दिमाग दिल को मजबूत करने की कोशिश में लगा है..... Follow my writings on https://www.yourquote.in/chaturvedipiyush521 #yourquoteon blogger https://itspc1.blogspot.com on twitter https://twitter.com/itspc1 on instagram https://www.instagram.com/itspc1 on your quote my writings on @yourquoteapp #yourquote #quote #stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #inspirationalquotes #writeaway #thoughts #poetry #instawriters #writersofinstagram #writersofig #writersofindia #igwriters #igwritersclub

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