बइया..बइया
भाबी..भाबी
ऊऊ...ऊऊ
हू...हू...हू
पापा...पा..
भू...भू..
मम्....मम्...
भूर्र...भूर्र...
पी...पी..
दुधिया मुस्कान
निश्छल आंखें
चिड़ियों की चहचहाहट
कोयल की कूक
झींगुर की खीर्रर..खीर्रर
घोंसले का तिनका
धूंध की धुन
पत्तों की सरसराहट
घास पर जमी ओस की बूंद
स्मृतियों पर लगे ताले
पहाड़ की भूख
नदी की काई
सारे अलंकृत वाक्यों को महत्वहीन करते चंद टूटे बिखरे शब्द।
No comments:
Post a Comment