मुलाकात दो उम्र की।
जहां बचपन की मुलाकात वृद्ध से होती और वृद्ध की बचपन से।
दोनों एक दूसरे की कहानी सुनते सुनाते होंगे।
कोई आंखों से कोई होंठों से।
आंखों में जीने वाले कल कल्पना होगी। होंठों पर बीते दिनों का यथार्थ।
एक सीखने वाला दूसरा सीखाने वाला।
भविष्य और वर्तमान की मधुरता से ओतप्रोत जीवन का एक मीठा स्पर्श।
जहां बचपन की मुलाकात वृद्ध से होती और वृद्ध की बचपन से।
दोनों एक दूसरे की कहानी सुनते सुनाते होंगे।
कोई आंखों से कोई होंठों से।
आंखों में जीने वाले कल कल्पना होगी। होंठों पर बीते दिनों का यथार्थ।
एक सीखने वाला दूसरा सीखाने वाला।
भविष्य और वर्तमान की मधुरता से ओतप्रोत जीवन का एक मीठा स्पर्श।
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