कच्चे मकानों में दीवारें जितनी कमजोर होती हैं। उतने हीं मजबूत होते हैं रिश्ते।
कमजोर होते छत से ताकती धूप लाती है कुछ धूल के कणों के साथ नया खेल।
शहर बने, इमारतें बनीं पर कच्चा मकान हमेशा बना रहा घर।
घर-घर के खेल में, दादी की कहानी।
मां की थपकी, बाबा की बैठक और पिताजी की सेवा यह सब होते हैं घर की चार दीवारें।
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