का अम्मा लागत है बाल डाई कराए हऊ?
एकदम मधुबाला शर्मा जाए तुमका देख के
अम्मा
अम्मा चाय बनाती हैं।
प्रसन्न लौंग और कूटी हुई मसाले के साथ जो इलाइची तैरती है। उस पर दबी हुई अदरक की स्वाद लिए गाढ़ी चाय।
चाय का पहला घूंट शरीर की थकान वाली तार को ऐसा खींचता है कि पूरा शरीर ताजा हो सकता है।
अम्मा ऐसा का मिलावत हो तुम चाय मा?
कुछौ नहीं बेटा बस उमर को स्वाद है
उम्र का स्वाद- `क्या सच में ऐसा हीं है?` क्योंकि जब उनका लड़का चाय बनाता है तो वह बूढ़ा स्वाद उस कुल्हड़ में ढूंढने से नहीं मिलता।
अम्मा आज तुम्हारे चाय मा उ स्वाद ना आ रो है
अम्मा शर्मा गईं
अम्मा आज भी बहुत शुद्ध और जवान शर्माती हैं। उनके शर्म में बुढ़ापे की परत नहीं है।
जैसे कोई स्त्री अपने पति के पहले दर्शन या मीठे स्पर्श से लजाता है।
दूसरी बना रहे लल्ला
नहीं अम्मा अब बस
मैं हर बार उनकी तस्वीर लेना चाहता हूं।
का अम्मा फोटो खींच लें तुम्हाई एक?
अम्मा लजाते हुए... अब हमाई उमर कहां बच्चा हमें लाज आती है।
लेकिन लिखना ज़रूरी था।
तस्वीर से कहीं अधिक
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