सफरनामा

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Kanpur, Uttar Pradesh , India
मुझे पता है गांव कभी शहर नहीं हो सकता और शहर कभी गांव। गांव को शहर बनाने के लिए लोगों को गांव की हत्या करनी पड़ेगी और शहर को गांव बनाने के लिए शहर को इंसानों की हत्या। मुझे अक्सर लगता है मैं बचपन में गांव को मारकर शहर में बसा था। और शहर मुझे मारे इससे पहले मैं भोर की पहली ट्रेन पकड़ बूढ़ा हुआ गांव में वापिस बस जाउंगा।

Tuesday, July 23, 2019

#सोनभद्र




#सोनभद्र जिस चीज के लिए प्रशिद्ध है और होना चाहिए,जो विश्व स्तर, राष्ट्र और राज्य स्तर पर अलग पहचान रखता है। उससे कहीं अलग बातों को लेकर आजकल खबरों में है। कुछ अलग कहूं तो #सोनभद्र की हर रोज अलग-अलग तरीके से हत्या हो रही है, हर रोज उसके जीवन को कम किया जा रहा है। लेकिन हम सब को पता होना चाहिए जिस दिन यह नहीं रहा देश का  विकास तो क्या बहुत से लोगों का जीवन संभव नहीं रह जाएगा।


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