सफरनामा

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Kanpur, Uttar Pradesh , India
मुझे पता है गांव कभी शहर नहीं हो सकता और शहर कभी गांव। गांव को शहर बनाने के लिए लोगों को गांव की हत्या करनी पड़ेगी और शहर को गांव बनाने के लिए शहर को इंसानों की हत्या। मुझे अक्सर लगता है मैं बचपन में गांव को मारकर शहर में बसा था। और शहर मुझे मारे इससे पहले मैं भोर की पहली ट्रेन पकड़ बूढ़ा हुआ गांव में वापिस बस जाउंगा।

Sunday, January 5, 2020

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यहां दो तश्वीर है एक सभी पहचानते हैं और दूसरा एम. ओ. मिथाई, जवाहर लाल नेहरू जी के निजी सचिव। माननीय ने अपने किताब Reminiscences of the Nehru Age में इंदिरा जी से संबंधित आपत्तिजनक बातें लिखी हैं ऐसा दावा किया जा रहा है और इनसे अवैध संबंध होने के भी तथा ऐसी बातें जिन्हें कहना बहुत आपत्तिजनक होगा। लेकिन अब वो हिस्सा किताब में नहीं है। प्रकाशन कहता है ऐसा कुछ हमने छापा नहीं। फिर ये बातें आई कहां से? लोगों ने तरह-तरह की बातें भी की और 2017 से कुछ ज्यादा हीं। महिलाओं के सम्मान की बात करने वाले लोगों ने भी जमकर हाथों हाथ लिया। कुछ ने चरित्र पर सवाल खड़े कर दिए सिर्फ किताबों के ऊपर जिसमें कुछ था हीं नहीं। और यदि था फिर भी जो हो रहा है क्या वो सही है? कल को कोई भी किसी के बारे में कुछ भी लिखकर या बोलकर किसी का भी चरित्र हनन कर सकता है और वाह-वाह करने वाले ध्यान दें अगला नंबर आपका भी हो सकता है।

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