खुशी, जेब में बज रहे कंचो की आवज से खुश होता हुआ। वहीं कंचे जो इसने अपनी गाड़ी देकर दोस्त से बदले में प्राप्त की है। उस प्राप्ति में अफसोस की हवा भी बह रही है। जिसमें कष्ट है उन कंचो के साथ अकेले खेलने का। जेब में रखे कंचे का साथ पाकर भी ऐसी त्रासदी का सामना करना कि खुशी प्रभावित हो जाए, बचपन को खोने जैसा है।                                     -पीयूष चतुर्वेदी   
  
मेरा सारा जीया हुआ अतीत अब भी मुझमें उतना ही व्यापक है जितना मुझमें मेरी श्वास। कभी-कभी लगता है अतीत वह पेड़ है जिससे मैं सांस ले रहा हूं। क्योंकि हर रात जब मेरा अतीत सो रहा होता है मेरा दम घुटता है। इसलिए हर रोज वर्तमान के दरवाजे पर खड़े होकर मैं अतीत की खिड़की में झांकता हूं। जहां मेरी सांसे तेज, लंबी और गहरी होती हैं।
सफरनामा
- Piyush Chaturvedi
 - Kanpur, Uttar Pradesh , India
 - मुझे पता है गांव कभी शहर नहीं हो सकता और शहर कभी गांव। गांव को शहर बनाने के लिए लोगों को गांव की हत्या करनी पड़ेगी और शहर को गांव बनाने के लिए शहर को इंसानों की हत्या। मुझे अक्सर लगता है मैं बचपन में गांव को मारकर शहर में बसा था। और शहर मुझे मारे इससे पहले मैं भोर की पहली ट्रेन पकड़ बूढ़ा हुआ गांव में वापिस बस जाउंगा।
 
Wednesday, April 22, 2020
कंचे
खुशी, जेब में बज रहे कंचो की आवज से खुश होता हुआ। वहीं कंचे जो इसने अपनी गाड़ी देकर दोस्त से बदले में प्राप्त की है। उस प्राप्ति में अफसोस की हवा भी बह रही है। जिसमें कष्ट है उन कंचो के साथ अकेले खेलने का। जेब में रखे कंचे का साथ पाकर भी ऐसी त्रासदी का सामना करना कि खुशी प्रभावित हो जाए, बचपन को खोने जैसा है।                                     -पीयूष चतुर्वेदी   
  
Labels:
द्वारिका
मुझे पता है गांव कभी शहर नहीं हो सकता और शहर कभी गांव। गांव को शहर बनाने के लिए लोगों को गांव की हत्या करनी पड़ेगी और शहर को गांव बनाने के लिए शहर को इंसानों की हत्या। मुझे अक्सर लगता है मैं बचपन में गांव को मारकर शहर में बसा था। और शहर मुझे मारे इससे पहले मैं भोर की पहली ट्रेन पकड़ बूढ़ा हुआ गांव में वापिस बस जाउंगा। 
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Popular Posts
वह मात्र यात्रा है- पीयूष चतुर्वेदी
मेरे सुख और दुख का कोई पैमाना नहीं है। वह मात्र एक बिंदु है जो दृढ़ है। उसे मैं भी समय के चलते चक्र के साथ नहीं बदल सकता। ऊंचे और निचले ...
No comments:
Post a Comment