बचपन इसका सभी बच्चों की तरह आम था। कुछ दिनों बाद साथी बच्चों के लिए खुशी का कारण बना। एक समय बाद यह निश्चित हुआ कि रामदास बाकी बच्चों से अलग है अब यहां से बाकी बच्चों की खुशी रामदास के लिए चिंता का कारण बन गया। यह पहला मौका नहीं, समाज हमेशा से विकृतियों के साथ जन्में लोगों पर हंसता आया है और हमेशा उन्हें अपनाने से घबराता आया है। पर एक सत्य यह भी है ऐसे लोग हर प्रकार से हमसे अलग होते हैं। लेकिन उनके अलग को पहचानने से पहले हीं हम उन्हें खुद से अलग कर देते हैैं। हमें जरूरत है हर किसी को उसके सच के साथ अपनाने की। -पीयूष चतुर्वेदीHttps://itspc1.blogspot.com

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