मेरा सारा जीया हुआ अतीत अब भी मुझमें उतना ही व्यापक है जितना मुझमें मेरी श्वास। कभी-कभी लगता है अतीत वह पेड़ है जिससे मैं सांस ले रहा हूं। क्योंकि हर रात जब मेरा अतीत सो रहा होता है मेरा दम घुटता है। इसलिए हर रोज वर्तमान के दरवाजे पर खड़े होकर मैं अतीत की खिड़की में झांकता हूं। जहां मेरी सांसे तेज, लंबी और गहरी होती हैं।
सफरनामा

- Piyush Chaturvedi
- Kanpur, Uttar Pradesh , India
- मुझे पता है गांव कभी शहर नहीं हो सकता और शहर कभी गांव। गांव को शहर बनाने के लिए लोगों को गांव की हत्या करनी पड़ेगी और शहर को गांव बनाने के लिए शहर को इंसानों की हत्या। मुझे अक्सर लगता है मैं बचपन में गांव को मारकर शहर में बसा था। और शहर मुझे मारे इससे पहले मैं भोर की पहली ट्रेन पकड़ बूढ़ा हुआ गांव में वापिस बस जाउंगा।
Monday, February 3, 2020
चुप्पी
Friday, July 26, 2019
आशुओं की धार में
तुम्हारी यादें जो होंठों को मुस्कुराहट देकर जाती थी। तुम्हारे ख्वाब जो दिल को गुदगुदाया करते थे। वो यादें,वो ख्वाबो का समंदर मैंने खो दिया कहीं, मेरे आंसूओं की धार में। तुम्हारी बातें जो कभी हंसाया करती थीं। तुमसे दूरियां जो कभी रुलाया करती थीं। वो बातें वो दूरियों भरा रास्ता मैंने खो दिया कही, मेरे आंसूओं की धार में। तुम्हारा प्यार जो मुझे दुनिया में सबसे प्यारा होने का अहसास दिलाया करता था। तुम्हारा गुस्सा जो मुझे, तुम्हारा बनाया करता था। वो प्यार वो गुस्सा मैंने खो दिया कहीं, मेरे आंसूओं की धार में। तुम्हारी यादें, तुम्हारा ख्वाब, तुम्हारा प्यार, तुम्हारा गुस्सा, यहां तक की तुम्हारी बातों से भी मैंने दूरियां बना लीं पर काश तुम खुद को देख पाते मेरे आंसूओं की धार में।
Sunday, July 7, 2019
कुछ लिखा था
Friday, April 19, 2019
वो मैं हीं था
बात बहुत पुरानी है।
जिसकी शुरुआत शाम की हल्की रोशनी और तुम्हारे चेहरे की अनमोल मुस्कुराहट से हुई थी जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा था। हाँ वो मैं हीं था।
फिर हर रोज तुम मेरी नजरों में थी मेरा दिल तुम्हारे ख्यालों में था। बिना नाम जानें हीं तुम्हारा तुमसे प्यार कर बैठा था। हाँ वो मैं हीं था।
दिन की शुरुआत सूरज की रोशनी से कहीं ज्यादा तुम्हारे ख्वाबों से होती थी और भरी दुपहरी में सूरज के गुस्से का सामना कर मैं तुम्हारा इंतजार करता था। हाँ वो मैं हीं था।
फिर तुम्हारे नाम से जान पहचान हुई तुम फिर भी मुझसे अंजान थी पर मेरा दिल ये मान बैठा था कि मुझे तुमसे कुछ तो हैै। हाँ वो मैं हीं था।Popular Posts
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